Breast cancer symptoms , home self test , treatment method : ब्रेस्ट ( स्तन ) कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो ब्रेस्ट की कोशिकाओं में होता है। इस प्रकार का कैंसर अब पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। स्तन कैंसर महिलाओं में सर्वाधिक होने वाला कैंसर है।

भारत और नेपाल में पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। आमतौर पर 40 से 50 साल की उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा होता है। लेकिन अब यह 25 से 45 साल की महिलाओं में भी देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं कुछ मामले 20 साल से ऊपर के आयु वर्ग में भी देखे गए हैं।

यूरोपीय देशों में, अन्य कैंसर की तुलना में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है। एशियाई देशों में यह यूरोप के मुकाबले कम नजर आया। लेकिन हाल के दिनों में एशियाई देशों में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, छह में से एक महिला को स्तन कैंसर है।

कम उम्र में क्यों होता है कैंसर ( Why does cancer happen at a young age ? ) 

ब्रेस्ट कैंसर का मुख्य कारण अनुवांशिकी होता है। लेकिन कम उम्र में कैंसर होने का कारण हमारी जीवनशैली और खान-पान में बदलाव है। कुछ वर्षों से हमने पाश्चात्य जीवन शैली अपना ली है। धूम्रपान और शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। खाना भी बदल गया है। पहले की तरह साफ-सुथरा खाना नहीं रहा, प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड का सेवन बढ़ गया है । इस वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका बढ़ गई है।

पढ़ाई और करियर के चलते महिलाओं की शादी देर से होने लगी है। देर से शादी के बाद पहले बच्चे की उम्र भी देर से होती है। 30 साल की उम्र के बाद पहला बच्चा पैदा करने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। गर्भवती महिलाओं को सिर्फ तीन महीने का मैटरनिटी लीव दिया जाता है, जिससे वे ठीक से ब्रेस्टफीड नहीं करा पाती हैं। इन्हीं कारणों से भारत और नेपाल के साथ-साथ पश्चिमी देशों में भी ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

स्तन कैंसर महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है ( Breast cancer also affects women’s reproductive health )

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं की फर्टिलिटी को भी कमजोर करता है। यदि किसी महिला को कम उम्र में स्तन कैंसर हो जाता है, लेकिन वह अविवाहित या हाल ही में विवाहित है, भले ही वह इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाए । तो उसकी प्रजनन क्षमता क्षीण हो जाती है।

स्तन को न हटाए जाने पर भी उपचार संभव है ( Treatment is possible even if the cancerous breast is not removed )

भारत और नेपाल में स्तन कैंसर का कोई इलाज नहीं था। कैंसर के इलाज के लिए उन्हें दूसरे देशों में जाना पड़ा था। लेकिन हाल ही में, भारत और नेपाल के विभिन्न अस्पतालों में कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं। हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए कई नई तकनीकें ईजाद की गई हैं। स्तन को बिना निकाले स्तन कैंसर की सर्जरी करने की तकनीक भी अब विकसित हो चुकी है।

ब्रेस्ट कैंसर की पहली, दूसरी और तीसरी स्टेज में ब्रेस्ट को बचाकर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज किया जा सकता है। इलाज के इस तरीके ने ऐसी स्थिति भी पैदा कर दी है जहां महिलाओं को कैंसर के कारण अपने स्तन गंवाने पड़ते हैं।

दुनिया के आंकड़ों पर नजर डालें तो कैंसर में सबसे कॉमन कैंसर लंग कैंसर था और अब 2021 के आंकड़े देखें तो ब्रेस्ट कैंसर सबसे कॉमन कैंसर है।

समय पर इलाज से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं ( Cancer recover completely with timely treatment )

ब्रेस्ट कैंसर को चार चरणों में बांटा गया है। पहला, दूसरा, तीसरा और चौथा। प्रथम और द्वितीय चरण को प्रारंभिक चरण और तीसरे और चौथे चरण को अग्रिम कहा जाता है।

शुरुआती दौर में इलाज कराने वाले मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। लेकिन तीसरे और चौथे चरण के मरीजों के इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक होने की संभावना बहुत कम है.

कैंसर की पहली और दूसरी स्टेज में ब्रेस्ट के आसपास या बगल में गांठ बन जाती है। तीसरे और चौथे चरण में कैंसर फेफड़े, लीवर, हड्डियों और मस्तिष्क तक फैल जाता है।

कहा जाता था कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को 40 से 50 साल की उम्र के बाद ही होता है। अब यह आंकड़ा बदल गया है। हाल के वर्षों में 25 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में भी स्तन कैंसर देखा गया है।

पश्चिमी देशों में पहले ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या अधिक थी, लेकिन अब ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है। क्‍योंकि वे समय रहते ब्रेस्‍ट कैंसर की जांच कर लेती हैं।

हमारे एशियाई देशों में स्तन कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण समय पर स्तन की जांच नहीं करना और कैंसर के तीसरे या चौथे चरण में ही अस्पताल पहुंचना है। इसलिए 25 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को साल में एक बार ब्रेस्ट टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

आप घर पर भी चेक कर सकते हैं ( You can also check at home Cancer  )

मासिक धर्म समय पर आने पर मासिक धर्म के सात से 10 दिनों के भीतर स्वयं स्तन परीक्षण किया जा सकता है। आपको आईने के सामने खड़े होकर अपने दोनों स्तनों को देखना चाहिए, दोनों स्तनों की समानता, आकार, बनावट, त्वचा के रंग और खुरदुरेपन में अंतर देखें। साथ ही ब्रेस्ट के किसी हिस्से में ग्रोइन पर भी ध्यान देना चाहिए।

दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और शीशे के सामने खड़े होकर बगल में कुछ बदलाव देखें। दाएं स्तन को बाएं हाथ से और बाएं स्तन को दाएं हाथ से क्रम से जांचना चाहिए। ऐसा करने से ब्रेस्ट में कुछ छिपे हुए बदलाव साफ देखे जा सकते हैं। इस तरह की जांच के बाद अगर आपको कोई शंका हो तो आपको अस्पताल जाकर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

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