एजेंसी। महत्वाकांक्षी ट्विन टावरों को गिराने की तैयारी चल रही है। नोएडा, यूपी और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास स्थित टावर को गिराने की तैयारी की जा रही है.

ट्विन टावर्स को गिराने के लिए निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के आदेश के बाद भी प्रशासन ने कार्रवाई की है. दो टावरों को गिराने की कार्ययोजना बनाने का काम शुरू हो गया है। ट्विन टावरों को गिराने की कार्ययोजना तैयार करने के लिए विशेषज्ञ टीम का गठन किया गया है।

विशेषज्ञ टीम में एनबीसीसी के पूर्व सीएमडी अनूप कुमार मित्तल, इंडियन डिमोलिशन एसोसिएशन और सीबीआरआई के अधिकारी शामिल हैं।

समिति में शामिल अधिकारियों ने ट्विन टावरों का दौरा किया और उनका निरीक्षण किया। इन अधिकारियों ने ट्विन टावर्स के निरीक्षण से लेकर ऊपरी मंजिलों तक हर चीज का बारीकी से निरीक्षण किया।

सुपरटेक एमराल्ड ट्विन टावर्स को गिराने की कार्ययोजना तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ टीम ने आसपास के भवनों व अन्य भवनों का भी निरीक्षण किया। ट्विन टावरों से इमारतों की दूरी की जांच की गई।

50 मीटर के दायरे में बने भवनों का निरीक्षण किया जाता है। दोनों टावरों के फर्श और जहां विस्फोटों का इस्तेमाल किया जाएगा, उस पर भी इसका आकलन किया गया था।

विशेषज्ञों की टीम इन सभी पहलुओं पर गौर कर रही है ताकि आसपास की किसी भी इमारत को नुकसान न पहुंचे और इन ट्विन टावरों को गिराने के लिए कौन सा पक्ष उपयुक्त होगा। supertech emerald twin tower demolition anup kumar mittal

साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई कि ट्विन टावरों को गिराने से 24 घंटे पहले कौन सी इमारत खाली की जाएगी। कितने हिस्सों को पहले से सील कर दिया जाएगा (24 घंटे पहले?) एनईए के अधिकारियों के मुताबिक, समिति ने यह भी अनुमान लगाया है कि ट्विन टावर्स को नीचे लाने के लिए किस टावर में कितने ब्लास्ट करने होंगे।

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