धार्मिक ब्यूरो। जनवरी की शुरुआत से मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाता है। इस महीने के दौरान पवित्र नदियों में स्नान और दान देने का विशेष महत्व माना जाता है।
इस बार माघ का पावन महीना 17 जनवरी से शुरू हो गया है। इस दिन को श्री स्वास्थनी व्रत अर्म्भ पूर्णिमा कहा जाता है। 4 February 2022 को श्री स्वास्थनी व्रत समाप्त की पूर्णिमा है। shree swasthani brata katha
यह महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस महीने कई धार्मिक त्योहार आते हैं। साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है। इस महीने में संगम पर कल्पवास भी किया जाता है, जिससे व्यक्ति का शरीर और आत्मा नया हो जाता है।
जनवरी में अपनाएं खानपान और लाइफस्टाइल में ये बदलाव
- जैसे ही जनवरी का महीना शुरू होता है, धीरे-धीरे गर्म पानी छोड़ दें और सामान्य पानी से नहाना शुरू कर दें।
- इस महीने में सुबह देर से सोना शुभ नहीं होता है।
- इस माह में तिल और गुड़ का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है।
- महीने में केवल एक बार खाने से स्वास्थ्य और एकाग्रता प्राप्त होती है।
जनवरी के महीने में करें सुख, शांति और समृद्धि के लिए करें ये उपाय :
माघ मास में प्रतिदिन प्रात:काल पीले फूल और पंचामृत भगवान कृष्ण को अर्पित करना चाहिए। फिर मधुराष्टक का पाठ करें। इस अवधि के दौरान, श्री माधव दया सिंधु ने भक्तम किया। माघ स्नानव्रतं मेद्य सपलं कुरु ते नमः। मंत्र जाप करना चाहिए।
इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। साथ ही प्रतिदिन गरीबों को भोजन कराना चाहिए। हो सके तो एक समय में एक बार ही भोजन करें। श्री स्वास्थनी माता का व्रत और कथा प्रतिदिन सुनें।
माघ पर्व और उनका महत्व:
- संकष्टी चतुर्थी: ऐसा करने से संतान प्राप्ति और संतान की चिंता दूर होती है.
- षटतिला एकादशी : इसमें तिल का विशेष प्रयोग स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है।
- मौन अमावस्या: मौन में बैठकर पाप के विनाश और आत्मा की शुद्धि के लिए प्रार्थना करना।
- वसंत पंचमी: यह ज्ञान और बुद्धि के लिए मां सरस्वती की पूजा करती है।
- जय एकादशी: इस दिन विशेष पूजा करने से कर्ज और अपराध से मुक्ति मिलती है।
- माघी पूर्णिमा: इस दिन शिव और विष्णु दोनों की संयुक्त कृपा प्राप्त होती है।