यदि शनिदेव किसी व्यक्ति के प्रति दयालु हो तो उसका जीवन खुशियों से भरा हो सकता है। लेकिन शनिदेव की कुटिल आंख धनवानों के धन को भी खाली कर सकती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के राशि परिवर्तन का व्यक्ति के जीवन से गहरा संबंध है। सभी ग्रहों में से शनि सबसे धीमी गति से राशि परिवर्तन करता है।

यह ढाई साल में एक बार राशि बदलता है। शनि इस समय मकर राशि में है और 2022 में यह अपनी ही राशि कुम्भ में प्रवेश करेगा। आइए जानें कि शनि संक्रांति के बाद शनि की साढ़ेसाती का किस राशि पर प्रभाव पड़ता है। religion shani margi 2021 impact on all zodiac sign

शनि की राशि कब बदलती है?
सूर्य का पुत्र शनि 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। शनि ढाई साल में एक बार राशि बदलता है। इसी के अनुसार शनि 30 वर्ष बाद स्वराशी कुम्भ में लौट रहे हैं। इस राशि के स्वामी शनि हैं। शनि की राशि 30 महीने या ढाई साल में पूरी होती है।

शनि की आधी सती
ज्योतिषियों का मानना ​​है कि वर्ष 2022 में जैसे ही शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, धनु राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। जबकि इसका पहला चरण मीन राशि में शुरू होगा। कुंभ राशि के लिए सती का दूसरा चरण शुरू होगा। इसका अंतिम चरण मकर राशि से शुरू होगा।

शनि का आधा
अगर शनि की साढ़ेसाती की बात करें तो कर्क और वृश्चिक राशि के जातक 2022 में इसके प्रकट होने के बाद आधे हो जाएंगे। तो ज्योतिषी इन दो राशियों के लोगों को सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही मिथुन और तुला राशि के जातकों को शनि की स्थिति से मुक्ति मिलेगी।

शनि का उपाय
यदि कोई व्यक्ति शनि के आधे या आधे भाग के नकारात्मक प्रभावों से पीड़ित है, तो इससे छुटकारा पाने का एक तरीका है।

शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की मूर्ति पर सरसों का तेल डालना चाहिए। पीपल के पेड़ की पूजा करें। शनि की मूर्ति और लोगों के सामने दीपक जलाएं। शनि से संबंधित चीजें जैसे तेल, लोहा, काली दाल, काले जूते, काले तिल, कस्तूरी आदि का दान करें।

Related News