एजेंसी। 2021 की अंतिम संकष्टी चतुर्थी बुधवार 22 दिसंबर को मनाई जा रही है। इस दिन सभी देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

बुधवार को पड़ने वाली चतुर्थी के कारण इसका महत्व और बढ़ गया है। ज्योतिषी डॉ. अरविंद मिश्रा ने कहा कि चूंकि बुधवार को गणेश की पूजा की जाती है, इसलिए इस दिन ईमानदारी से गणेश की पूजा करने से बाधाएं दूर होती हैं। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में। religion sankashti chaturthi on 22 december 2021 vighanraj sankashti puja vidhi shubh muhurat

संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त (Sankashti Chaturthi Puja Muhurat)
बुधवार, 22 दिसंबर, 2021
पूजा मुहूर्त (रात 08:15 बजे से रात 9:15 बजे तक) (अमृत काल)
चांद दिखने का क्षण (रात 08:30 बजे से रात 9.30 बजे तक)

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
इस दिन आप सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं। कपड़े धोएं और साफ करें और धो लें। इस दिन लाल रंग पहनना बहुत शुभ माना जाता है। गणपति की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करना चाहिए। गणपति की मूर्ति को फूलों से सजाएं।

तिल, गुड़, लड्डू, फूल और तांबे के कलश में जल, धूप, चंदन, केला या नारियल चढ़ाएं। पूजा के दौरान देवी दुर्गा की मूर्ति को अपने साथ रखें। यह बहुत ही शुभ माना जाता है।

भगवान गणेश को रोली, फूल और जल अर्पित करें। संकष्टी के दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।

शाम को चंद्रमा पर उगने से पहले गणेश जी की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें। पूजा के बाद प्रसाद बांटें। रात में चांद देखने के बाद व्रत तोड़ा।

इस मंत्र का करें जाप
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।

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