धार्मिक ब्यूरो। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद मकर संक्रांति मनाई जाती है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत महत्व है।

मकर संक्रांति पर्व इस वर्ष शुक्रवार, 14 जनवरीको मनाया जा रहा है। ज्योतिषियों ने कहा है कि इस साल का मकर संक्रांति पर्व और भी खास होगा। कुछ खास संयोगों ने इस त्योहार को खास बना दिया है। religion makar sankranti 2022 date these three sanyog making festival special this year

मकर संक्रांति में हो रहा है खास संयोग
ज्योतिषियों के अनुसार इस साल की मकर संक्रांति रोहिणी नक्षत्र में शुरू होगी और रात 8:18 बजे तक चलेगी। रोहिणी नक्षत्र बहुत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस नक्षत्र में देना और पूजा करना बहुत ही फलदायी होता है। साथ ही मकर संक्रांति में ब्रह्म योग और आनंददि योग भी बनेगा।

ब्रह्म योग और आनंददि योग क्या है?
ज्योतिषियों के अनुसार शांतिपूर्ण गतिविधियों की शुरुआत के लिए ब्रह्म योग को बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही आनंददि योग सभी प्रकार की असुविधाओं को दूर करता है। इस योग में किया गया हर कार्य विघ्नों और चिंताओं से मुक्त होता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए आनंददि योग को शुभ माना जाता है।

मकर संक्रांति का महत्व
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मकर संक्रांति के दिन तिल-गुड़, चावल-दाल का दलिया आदि दान करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन कई राज्यों में उड़ान भरने का रिवाज है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तो सूर्य देव की पूजा करना भी बहुत फलदायी होता है।

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