धार्मिक ब्यूरो। हिंदू कैलेंडर के अनुसार एकादशी महीने में दो बार आती है। एक कृष्ण पक्ष की ओर और दूसरी शुक्ल पक्ष की। इस प्रकार एक वर्ष में कुल 24 एकादशी होती हैं।
जिनमें से जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। कहा जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने वाले को सभी पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत करने से जीवन में समृद्धि आती है। nirjala ekadashi 2022
इस बार निर्जला एकादशी का व्रत शुक्रवार, 10 जून को रखा जाएगा. को पड़ रहा है. आइए जानें कि निर्जला एकादशी के व्रत में किन गलतियों से बचना चाहिए।
चावल न खाएं- शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी के व्रत में चावल नहीं खाना चाहिए. जो व्यक्ति एकादशी के दिन चावल खाता है, वह अगले जन्म में कीट के रूप में जन्म लेता है।
नमक न खाएं- निर्जला एकादशी के व्रत में नमक भूल जाने पर भी आपको नमक नहीं खाना चाहिए. अगर नमक का सेवन बहुत जरूरी है तो दिन में एक बार सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं। अगर आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं तो भी सात्विक भोजन ही करें।
इन चीजों का भी न करें सेवन- निर्जला एकादशी के दिन आपको चावल, दाल, मूली, बैगन और बीन्स का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप निर्जला एकादशी का व्रत नहीं भी करते हैं तो भी आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ये गलतियां भी न करें- इस दिन व्रत करते समय किसी के बारे में आपकी बुरी राय नहीं होनी चाहिए। इस दिन वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए। साथ ही बिस्तर पर लेटने की बजाय फर्श पर आराम करें।