धार्मिक ब्यूरो। हिंदू नव वर्ष यानि विक्रम संवत 2079 निकट आ रहा है। इस साल यह गुरुवार 14 अप्रैल से शुरू हो रहा है।

हेमाद्री के ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन ब्रह्माजी ने पृथ्वी की रचना की थी। इसलिए कलैण्डर के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नव वर्ष की शुरुआत होती है।

त्रयोदशी का दिन 1 बैशाख को पड़ता है। इसे नववर्ष भी कहते हैं। इसे विक्रम संवत भी कहा जाता है क्योंकि इसकी शुरुआत शकरी महाराज विक्रमादित्य ने की थी। आइए जानें विक्रम संवत की शुरुआत कैसे हुई और इस साल ज्योतिषियों के बारे में। Hindu New Year 2022

विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल पहले
यह राजा विक्रमादित्य के शासनकाल के दौरान हुआ था। उस समय के सबसे महान खगोलशास्त्री वराहमिहिर थे। जिनकी सहायता से संवत के प्रसार में सहायता मिली। यह अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल पहले की बात है, 2022 में 57 साल जोड़कर अब 2079 विक्रम संवत है।

नया साल जनवरी या फरवरी में हिजरी संवत को छोड़कर सभी कैलेंडर पर शुरू होता है। नेपाल और भारत में कई कैलेंडर प्रचलित हैं, जिनमें विक्रम संवत और शक संवत प्रमुख हैं।

पूरी दुनिया में समय की गणना के लिए केवल दो आधार हैं। सौर चक्र और चंद्र चक्र। सौर चक्र के अनुसार, पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन और लगभग 6 घंटे का समय लगता है। इस प्रकार सौर वर्ष पर आधारित कैलेंडर में वर्ष में 365 दिन होते हैं और चंद्र वर्ष आधारित कैलेंडर में वर्ष में 354 दिन होते हैं।

किस तरह के लोगों को नुकसान होता है?
ज्योतिषियों ने बताया है कि शनिदेव बिक्रम संवत 2079 के राजा हैं। इस साल के मंत्री गुरु हैं। शनि राशि के जातकों के लिए यह साल मुश्किल भरा हो सकता है। जिनकी कुंडली में शनि सती या शनि है, उन्हें विशेष उपाय करने होंगे।

किसे फायदा?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि और मंगल का मकर राशि में संयोग इस वर्ष बड़ी उथल-पुथल का कारण बन सकता है। गुरु के आशीर्वाद से कुंडली में गुरु के उच्च स्थान के लिए नया साल बहुत शुभ और फलदायी होगा। यह व्यापार और अर्थव्यवस्था के मामले में भी एक अच्छा जोड़ होगा।

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