नवरात्रि में मां दुर्गा भवानी के 9 रूपों की पूजा की जाएगी, लेकिन जानना चाहिए कि मां दुर्गा की पूजा किस समय करना शुभ होता है।

ऐसा माना जाता है कि हर शुक्रवार को देवी दुर्गा की पूजा करने से सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसलिए इस दिन देवी दुर्गा के साथ-साथ उनके सभी अवतारों की भी पूजा की जाती है। यह दिन महालक्ष्मी, देवी दुर्गा, वैभव लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र को समर्पित है। To please Maa Durga, recite these 9 verses

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भगवान शिव की पत्नी सती देवी यानी पार्वती को नव दुर्गा के नौ रूप माने जाते हैं। मां दुर्गा के 9 रूप

1) शैलपुत्री: माता शैलपुत्री को धन, समृद्धि, सौभाग्य, स्वास्थ्य और उद्धारकर्ता की देवी के रूप में पूजा जाता है।

मंत्र: ‘ओम आए ह्रीं क्लीन शैलपुत्र्यै नम:.’

2) ब्रह्मचारिणी : नित्य पूजा की शुरुआत के साथ ही स्वाधिष्ठान चक्र का ध्यान कर माता ब्रह्मचारिणी की साधना की जाती है. वे संयम, तप, तप और विजय के अधिकार हैं।

मंत्र: ‘ओम आए ह्रीं क्लीन ब्रह्मचारिनयै नम:.’

3) चंद्रघंटा: चंद्रघंटा को विभिन्न शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति और मुक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है।

मंत्र: ‘ओम आए ह्रीं क्लीन चंद्रघंटायै नम:.’

4) कुष्मांडा : मां कुष्मांडा की पूजा रोग, दोष, दु:ख और दाहिनी ओर कीर्ति, बल और दीर्घायु की औषधि के रूप में की जाती है।

5) स्कंदमाता : सुख, शांति और मोक्ष की देवी स्कंदमाता सबके दाहिनी ओर रहती हैं।

मंत्र: ‘ओम आए ह्रीं क्लीन स्कंदमतै नमः।’

6) कात्यायनी : माता कात्यायनी को भय, रोग, शोक और शोक से मुक्ति दिलाने वाली के रूप में पूजा की जाती है।

मंत्र: ‘ओम आए ह्रीं क्लीन कात्यायनयै नमः।’

7) कालरात्रि: यिन की पूजा करते समय माथे पर ध्यान किया जाता है। शत्रुओं का नाश करने वाला, साधक को विघ्नों से मुक्त करने वाला, साधक को सुख-शांति प्रदान करता है।

मंत्र: ‘ओम आए ह्रीं कालरात्रयै नमः।’

8) महागौरी : माता महागौरी की पूजा करते समय मस्तिष्क का ध्यान करके मंत्र जाप किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इनके माध्यम से अलौकिक उपलब्धियां प्राप्त होती हैं और असंभव कार्यों को पूरा किया जाता है।

मंत्र: ‘ओम आए ह्रीं क्लीन महागौर्ये नम:।’

9) सिद्धिदात्री : बीच के बालों में मां सिद्धिदात्री की साधना की जाती है। उनकी साधना सभी आकांक्षाओं और सिद्धियों को पूरा करती है।

मंत्र: ‘ओम आए ह्रीं क्लीन सिद्धिदात्यै नम:.’

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