धार्मिक ब्यूरो। भगवान गणेश को सबसे पहले ज्ञान देने वाले और पूजा करने वाले देवता माने जाते हैं। प्रत्येक माह की दोनों ओर चतुर्थी को गणेश जी की पूजा की जाती है।

पौष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या वरद चतुर्थी कहते हैं। विनायक चतुर्थी आज मनाई जा रही है। इस दिन उचित पूजा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और इस दिन गणेश जी के इस महामंत्र का जाप विशेष फल देता है। religion varad chaturthi 2022 vrat puja vidhi vinayaka chaturthi ganesh puja mantra

इस विधि से करें गणेश चतुर्थी की पूजा

  • पूजा से पहले साफ कपड़े पहनें।
  • गणेश जी की तांबे या मिट्टी की मूर्ति लें।
  • कलश में जल भरकर मुंह पर नया कपड़ा बांध दें। इसके बाद गणेश जी को ऊपर रखें।
  • सिंदूर, दूर्वा, घी और 21 मोदक चढ़ाकर भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें।
  • अंत में गरीबों और ब्राह्मणों को लड्डू का प्रसाद बांटें।

भगवान गणेश के इस महामंत्र का जाप करें
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्|
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय||
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्|
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य||

भगवान गणेश को चढ़ाएं ये चीजें
गणेश जी की पूजा करते समय छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें। गणेशजी के प्रिय मोदक की पूजा करते समय दूसरा दूर्वा और तीसरा घी अर्पित करना चाहिए।

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